आज देख लो भारत अपनों ही से बाजी हार रहा जाने दो झूठी आशाऐं फिर वो कश्मीर उधार रहा,,,,, आज देख लो भारत अपनों ही से बाजी हार रहा जाने दो झूठी आशाऐं फिर वो कश्मीर उधार रह...
इस ज़माने से मिरे रिश्ते अलग हैं थोड़े से लोग देते हैं दगा तो मुस्कुरा देता हूं मैं। इस ज़माने से मिरे रिश्ते अलग हैं थोड़े से लोग देते हैं दगा तो मुस्कुरा देता ह...
हमको पसंद है कि ये ट्वेंटी ट्वेंटी वन है सब ये रजामंद है कि वायरस के दिन चंद हैं! हमको पसंद है कि ये ट्वेंटी ट्वेंटी वन है सब ये रजामंद है कि वायरस के दिन चंद ह...